मनुष्य शरीर और उसका अस्तित्व                                                                                                                               हम सभी जानते हे की हमारे शरीर के ३ अस्तित्व हे। १ :- स्थूल शरीर।  २:- सूक्ष्म शरीर । ३:- कारण शरीर।           स्थूल शरीर :- हमारा यह शरीर माता-पिता के द्वारा अस्तित्व में आता हे ,पृथ्वी द्वारा प्रदत्त खाद्य पदार्थों द्वारा पोषित होता हे। शायद इसीलिए हम पृथ्वी को भी माता सामान ही मानते हे। स्थूल शरीर को हम देख सकते हे, इससे ही हम अपने सारे काम करसकते हे ,इसका निर्माण पदार्थों द्वारा ही होता हे ,इसलिए इसे स्थूल शरीर कहते हे। २ :- सूक्ष्म शरीर :- यह शरीर हमें बाहर से नहीं दिखता हे,केवल आभास होता हे। यह शरीर हमारी ५ ज्ञानेन्द्रियो ,५ कर्मेन्द्रिन्द्रियो ५ प्रणवायुओ ,मन,बुद्धि,चित्त व् अहंकार द्वारा संचालित होता हे। यह हमें अहसास कराता रहता हे की  कुछ तो हे जिसके कारण हम हैं।                                                                                                                                  ३ :- कारण शरीर :- वह भी हमें दिखाई नहीं देता हे, लेकिन क्या आप जानते हे की यह हमारे शरीर का (मेमोरी कार्ड) जिसमे हमारे कर्मो का लेखा,जोखा सेव होता रहता हे। कम्प्यूटर ,मोबाईल मेतो डिलीट का ऑप्शन होता हे लेकिन मानव मशीन में डिलीट का ऑप्शन नहीं होता हे। हमारे कर्म हर रोज सेव होते रहते हे।    हमारा पूरा जीवन परमात्मा द्वारा ली जाने वाली परीक्षा हे ,वह हमें एक निश्चित समयावधि के लिए कर्म करने के लिए पृथिवी पर जन्म देता हे ,ताकि हम उसके द्वारा ली जाने वाली परीक्षा में पास हो जावे और हमें मुक्ति मिल सके। हमारे जीवन में आने वाली चुनोतियाँ ही हमारे प्रश्न होते हे, जिन्हे हम किस प्रकार हल करते हे यही हमारी बुद्धि की परीक्षा हे। और यही सिलसिला लगातार जीवन में चलता रहता हे। ९५% मनुष्य केवल माया,मोह,क्रोध,अहंकार,वासना,मेरा,तेरा के चक्रव्यूह में ही फंस कर अपना पूरा जीवन बर्बाद करदेते हे। मनुष्य जब पैदा होते हे तो केवल शरीर लेकर ही आता हे और जब जाता हे तो शरीर भी यही छोड़कर जाता हे। हम सभी जानते हे, लेकिन फिर भी कुछ करने की कोशिश नहीं करते हे। समस्या बड़ी विकरालरूप धारण करचुकी हे ,आओ हम सभी मिलकर इसका हल निकाले। सभी मिलजुलकर इस पृकृति का भरपूर आनंद ले। और शांतिपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करे। आज पूरी दुनिया में मानवता पर  विनाश के बादल मंडरारहे हे, क्या इसका समाधान हम खोज सकते हे। अपने स्वार्थो को छोड़कर मानवता को बचाने का संकल्प करो। आओ हम सभी मिलकर इस पृथ्वी को फिर से स्वर्ग से सुन्दर बनाने का प्रयास करे। धन्यवाद।

We all know the human body and its existence that our body has 3 existence. 1:- gross body.  2:- Subtle body. 3:- Body.          1 gross body:- This body of ours comes into existence by parents, nourishes by the foods provided by the earth. Perhaps that's why we also consider the earth as mother goods. We can see the gross body, only we do all our work, it is produced by substances, hence it is called a gross body. 2:- Subtle body:- This body does not see us from outside, only the feeling. This body is governed by our 5 knowledge, 5 karmendraindriyas, 5 pranavayo, mind, intellect, mind and ego. It keeps making us realize that there is something due to which we are.                                                                                                                                  3:- Reason Body:- That too is not visible to us, but do you know that this memory card (memory card) in which our deeds are accountable, Jokha is saved. Computer, mobile Mato is the option of delete but there is no option of delete in human machine. Our actions continue to be saved everyday.    Our whole life is an examination taken by God, he gives us birth on the earth to do karma for a certain time period, so that we can pass the examination taken by him and get rid of us. In our life

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