पांच तत्व का ये शरीर

01 -पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश, पांच तत्व, सबका आधार, संसार इन्हीं से बना है, जीवन इन्हीं के माध्यम से चल रहा है।

 

पृथ्वी, भूमि, पर्वत, पहाड़ियाँ, जल, नदियाँ, महासागर, वर्षा, अग्नि, सूर्य, चंद्रमा, अग्नि, वायु, पवन, तूफान, उद्यान।

 

अन्तरिक्ष, आकाश, निर्वाण, सबका आधार, सबका सहयोग। जीवन इनसे ही सबको मिलता है, सबका निरीक्षण इनसे ही है।

02-पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, पांच तत्व, सबका आधार। इनसे बना है संसार, इनसे ही है जीवन का अंगार।

03-पृथ्वी माता, जल का सागर, अग्नि का तेज, वायु का वेग। आकाश अनंत, असीम सागर, पांच तत्व, हैं जीवन के आधार।

04-पृथ्वी धारण करती, सबको अपने में, जल प्यास बुझाता, हर जीव का। अग्नि प्रकाश देती, रात के अंधेरे में, वायु देता श्वास, जीवन का आधार।

आकाश अनंत, फैला हुआ है, सबको छाया देता, प्यार से। पांचों तत्व, एक दूसरे में मिले हुए, बनाते हैं इस संसार को प्यारा।

पहाड़ों की चोटी, नदियों का जल, आकाश का नीला, सूरज की किरण। हवा का झोंका, पेड़ों की छाया, पांच तत्व, प्रकृति का सौंदर्य।

05-पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, पांच तत्व, हैं ब्रह्मांड का आधार। इनसे ही उत्पन्न हुआ, यह संसार, इनमें ही विलीन होगा, अंत में ?

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट